नमस्कार दोस्तों कितना सीखा मैं आपका बहुत-बहुत स्वागत है आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि आप जो कितना सीखा के बारे में कुछ जानना चाहते हैं और आपने कितना सीखा के About Us तेज पर विजिट किया ।
इस वेबसाइट को बनाने का मकसद यह है कि सरल हिंदी भाषा में आपके पास सही जानकारी पहुंचाना जिससे आप बहुत कम समय में ज्यादा से ज्यादा कुछ सीख सकें और आगे बढ़ सकें, इस वेबसाइट का शुभारंभ 1 जनवरी 2015 को ब्लॉगर प्लेटफार्म पर पहला पोस्ट facebook के बारे में डाल कर किया गया ।
कितना सीखा के बारे में:-
दोस्तों अगर आप कितना सीखा के Regular Visitors है तो शायद आपने ध्यान दिया होगा की पोस्ट बहुत आसान भाषा में लिखी गई है की एक कोई छोटा सा बच्चा भी उसको पढ़ कर अच्छी तरीके से समझ सके, अगर आप अपना ऑनलाइन कैरियर बनाना और पैसे कमाना चाहते हैं या कुछ अपनी रोजमर्रा से संबंधित तकनीकी जानकारी जैसे की कंप्यूटर मोबाइल इंटरनेट की किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त कर पायेगे अगर आप इसी तरह की Website की तलाश कर रहे थे तो आप बिल्कुल सही जगह है ।
अगर आपका कोई सबाल है तो आप हमसे पूछ सकते है हमें खुशी होगी आपकी सहायता करने में क्योकि आपके नए नए सबालो से भी बहुत कुछ सीखते हूँ क्योकि ज्ञान बाटने से ही बढता है ।
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मेरे बारे में: मंजीत सिंह
दोस्तों मैं आज आपको अपना परिचय करा देता हूं मेरा नाम मंजीत सिंह है मैं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले का रहने वाला हूं।
तकनीकी जानकारी के बारे में इंटरेस्ट बचपन से ही था जब मैं चौथी क्लास में था तभी मैंने या सोच लिया था कि एक न एक दिन मुझे भी अपनी एक वेबसाइट बनानी है और जब मैंने एक मोबाइल लिया उसमें मैंने इंटरनेट पर सर्च करना शुरु कर दिया था की वेबसाइट कैसे बनाएं पर डेढ़ बर्षो तक google भी हमारी मदद नहीं कर पाया जो भी सर्च रिजल्ट मिलता वह भी वही पंहुचा देता जहा भी यह सबाल गया होता।
उसके बाद 2010 में Laptop खरीदा फिर क्या था 2-3 महीने Movi देखने में निकाल दिए उसके बाद फिर सर्च करना शुरू कर दिया फिर क्या सर्च करने वाली मेहनत रंग लाने लगी कुछ ऐसी वेबसाइट मिली जो मुझे पसंद ही नहीं आयी क्योकि मुझे डॉट कॉम वेबसाइट बनाने की तलाश थी एक दिन मध्य रात्रि में एक ऐसी साईट खोज निकली जो डॉट कॉम वेबसाइट बनाने की सुविधा देती थी पर पूरा अकाउंट बनाने के बाद 30 आस्ट्रेलिया डॉलर पेमेंट करने के लिए कहा गया मैंने भी 30 रुपये समझ कर पेमेंट कर दिया जब मोबाइल पर Massage आया 1800 रुपये बैंक से कट चुके थे अब क्या हुआ आप भी समझ पायेगे कैसा महसूस किया होगा क्योकि ये मेरा दूसरा Online transaction था और पहले transaction में भी लगभग इतने ही रुपये की चपत लग चुकी थी पर मैंने ये ठान लिया था की अब ATM Card से पेमेंट तो नहीं करना मतलब नहीं करना लेकिन वेबसाइट बनाने का तरीका सर्च करना शुरू किया 2013 तक वेबसाइट के बारे में वेबसाइट के बारे में इतना सीखा चूका था की वेबसाइट बनाना सामने रखा खाना खाने जैसा आसान हो गया था………………………….
हालाँकि वो रुपये कुछ दिनों बाद मुझे वापस मिल गए थे
अपने बारे में और वेबसाइट बनाने के बारे में ये जानकारी हमने बहुत ही शार्ट दी अगर पूरी लिखने लगू तो शायद 10-20 पेज भी कम पड़ जायेगे ।
खैर कुछ भी हो इससे हमने बहुत कुछ सीखा